रिपोर्टर: राजनिकांत पांडेय | प्रमुख संपादक, NewsX | दिनांक: 4 जुलाई 2025 | स्थान: मथुरा, उत्तर प्रदेश
2022 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध अब तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तमाम शांति प्रयास किए गए, लेकिन संघर्ष लगातार और अधिक हिंसक होता जा रहा है। 4 जुलाई 2025 को रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य प्रमुख शहरों पर एक साथ 550 मिसाइलें और ड्रोन दागकर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। यह हमला न केवल यूक्रेन के सैन्य ढांचे को, बल्कि आम नागरिकों के जीवन को भी सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला साबित हुआ।
हमले की प्रकृति और रणनीति
इस हमले को रूस की एक मल्टी-फेज़्ड स्ट्रैटेजिक अटैक माना जा रहा है। यह हमला तीन मुख्य चरणों में हुआ:
- ड्रोन वेव: ईरानी शाहेद-136 ड्रोन की मदद से पहले लहर में प्रमुख रडार और एयर डिफेंस टॉवरों को निशाना बनाया गया।
- क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलें: इसके तुरंत बाद समुद्र और जमीन से लॉन्ग रेंज Kalibr और Iskander-M मिसाइलें दागी गईं।
- हाइपरसोनिक स्ट्राइक: अंत में Kinzhal मिसाइलों के जरिए हाई-वैल्यू टारगेट्स को हाइपरसोनिक गति से ध्वस्त किया गया।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि यह हमला “यूक्रेन के रणनीतिक सैन्य ठिकानों और ऊर्जा केंद्रों” को कमजोर करने के लिए किया गया था।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र
- कीव: राष्ट्रपति भवन के पास तीन बड़े धमाके। एयर डिफेंस सिस्टम और संचार टावर बुरी तरह क्षतिग्रस्त।
- लविव: रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और एक पॉवर प्लांट पर हमले।
- ओडेसा: काला सागर तट पर स्थित गोदाम और सैन्य कंट्रोल सेंटर नष्ट।
- खारकीव: 15 से अधिक विस्फोट, कई रिहायशी इमारतें प्रभावित।
यूक्रेनी सरकार के अनुसार, रूस ने जानबूझकर आम नागरिकों के इलाके को भी निशाना बनाया।
मानव हानि और बुनियादी ढांचे पर प्रभाव
- मृतक संख्या: अब तक 57 नागरिकों की मौत, 200+ घायल
- बिजली आपूर्ति: 10 बड़े ऊर्जा स्टेशन नष्ट; कीव, लविव और खारकीव में बिजली ठप
- संचार व्यवस्था: इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क में व्यापक व्यवधान
- सिविल सेवाएं: अस्पतालों में जनरेटर की मदद से इलाज, दवाइयों की किल्लत
यूक्रेन की जवाबी कार्रवाई
यूक्रेनी वायुसेना और एयर डिफेंस ने लगभग 300 मिसाइलों/ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया।
- Patriot और NASAMS सिस्टम ने प्रमुख भूमिका निभाई
- कीव के दक्षिण में रूसी लॉन्च साइट पर यूक्रेनी मिसाइल स्ट्राइक की खबर
- राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने तुरंत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई
ज़ेलेंस्की का बयान:
“रूस का यह हमला केवल हमारी संप्रभुता पर नहीं, बल्कि मानवता के विरुद्ध है। दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- अमेरिका: व्हाइट हाउस ने रूस के हमले की निंदा करते हुए यूक्रेन को और अधिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने का आश्वासन दिया।
- नाटो: पोलैंड में आयोजित आपात बैठक में रूस पर प्रतिबंधों को और सख्त करने की चर्चा।
- संयुक्त राष्ट्र: महासचिव ने तुरंत युद्धविराम की अपील की।
- रूस का बयान: “हमारा हमला पूरी तरह सैन्य उद्देश्य वाला था, नागरिकों को नुकसान यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली की विफलता के कारण हुआ।”
भू-राजनीतिक पृष्ठभूमि
इस हमले की टाइमिंग महत्वपूर्ण है।
- नाटो की सालाना बैठक इसी हफ्ते पोलैंड में हो रही है
- पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को F-16 फाइटर जेट्स और ट्रेनिंग प्रदान करने पर सहमति बनी है
- रूस इस हस्तक्षेप को “रेड लाइन क्रॉस” मानता आया है
युद्ध का संभावित नया चरण
विश्लेषकों के अनुसार:
- रूस अब पूरे यूक्रेन के इंफ्रास्ट्रक्चर को पंगु करने की नीति पर काम कर रहा है
- यूक्रेन पश्चिमी हथियारों की मदद से रूसी एयरबेस और लॉजिस्टिक नेटवर्क पर जवाबी हमले कर सकता है
- संभावना है कि अब युद्ध पारंपरिक सीमाओं से आगे साइबर और स्पेस वॉर में भी प्रवेश कर सकता है
निष्कर्ष
4 जुलाई 2025 का यह हमला दर्शाता है कि रूस-यूक्रेन युद्ध अब एक पूर्ण पारंपरिक युद्ध की दिशा में बढ़ चुका है। जहां एक ओर रूस अत्याधुनिक हथियारों से यूक्रेन की रीढ़ तोड़ने की कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर यूक्रेन वैश्विक समर्थन और उच्च तकनीक से लड़ाई को संतुलित रखने की कोशिश कर रहा है।
आने वाले दिन निर्णायक होंगे — क्या यह युद्ध वैश्विक संकट में बदलेगा या कूटनीति की कोई खिड़की खुलेगी?